जवान बेटे की घर में चल रही थी शादी की तैयारियां,बेटा घर आया तिरंगेे में लिपटकर
Marriage preparations were going on in the young son's house, the son came home wrapped in the tricolor
शहीद मुकेश कुमार अमर रहे के नारों से गूंज उठा रोडू गांव
जवान बेटे की घर में चल रही थी शादी की तैयारियां,बेटा घर आया तिरंगेे में लिपटकर
भगवान को मजूंर होता है वही होता है,इंसान जाहे कुछ भी सोचे सही कहानी चिरितार्थ हुई लाडनूं तहसील के रोडू गांव में जहा सेना के जवान की घर में शादी की तैयारी चल रही थी पर होनी को कुछ ओर ही मजूर था।जवान घर तो आया पर आया तिरंगे में लिपटकर
कश्मीर के कुपवाड़ा में पेट्रोलिंग करते समय बर्फीले तूफान की चपेट में आकर शहीद हुए लाडनूं तहसील के रोडू गांव के 22 वर्षीय मुकेश कुमार की पार्थिव देह की सोमवार को उसके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। जवान की पार्थिव देह सुबह बीकानेर से गांव ।
सेना के जवानों ने जैसे ही तिरंगे में लिपटे मुकेश कुमार की पार्थिव शरीर को घर के आंगन में रखा तो मां संतोष देवी अपने कलेजे के टुकड़े का अंतिम बार चेहरा देखकर बेसूध हो गई तो पिता किशनलाल और छोटा भाई सदमे में आ गए। सेना के जवानों ने जैसे ही पार्थिव देह को अपने कांधों पर उठाया, तो शहीद की मां को संभालना मुश्किल हो गया।मुकेश के पिता मजदूरी करते हैं। बेटे के सेना में चयन होने पर परिवार को आर्थिक सहयोग की आस बंधी थी। अचानक हुए इस हादसे ने सभी को स्तब्ध कर दिया।हाल ही में मुकेश की सगाई हुई थी और 21 फरवरी को शादी तय हुई थी। मुकेश की सागाई चूरू मुख्यालय के पास साजनसर गांव में हुई थी। वह 12 जुलाई को गांव आया था। घर में शादी को लेकर तैयारियां चल रही थीं।
पिता किशनलाल व छोटे भाई रामधन ने शहीद मुकेश के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।
कश्मीर के कुपवाड़ा में पेट्रोलिंग करते समय बर्फीले तूफान की चपेट में आकर शहीद हुए लाडनूं तहसील के रोडू गांव के 22 वर्षीय मुकेश कुमार की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हो शहीद को श्रंद्धाजलि दी
बीकानेर से पार्थिव देह के साथ आए सेना के जवानों ने शाहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
शहीद मुकेश कुमार अमर रहे के नारों से गूंज उठा रोडू गांव
शहीद मुकेश कुमार का पार्थिव शरीर लेकर बीकानेर से सेना के अधिकारी लाडनूं उपखण्ड मुख्यालय पहुंचे। यहां से स्थानीय प्रशासन के साथ शहीद के पार्थिव शरीर का काफिला रवाना हुआ तो रास्ते में सडक़ के दोनों तरफ लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोग तिरंगा हाथ में लिए शहीद के सम्मान में नारे लगाते हुए सम्पूर्ण मार्ग में साथ चले।युवा जब तक सूरज चांद रहेगा मुकेश तेरा नाम रहेगा तथा भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे।
स्कूली बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों ने की पुष्प वर्षा
जसवंतगढ,कसुम्बी,लेड़ी चौराहा,किशनपुरा से होती हुई शहीद का पार्थिव शरीर पैतृक गांव रोडू पहुंचा रास्ते में पडऩे वाले गांवों में स्कूल के विद्यार्थियों,युवाओं,बुजुर्गों,महिलाओं ने पुष्प वर्षा कर शहीद मुकेश कुमार अमर रहे के जयकारे के साथ अंतिम यात्रा रवाना की।
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