September 8, 2024

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In this winter keep your child safe from the havoc of pneumonia, pneumonia is dangerous for five year olds

In this winter keep your child safe from the havoc of pneumonia, pneumonia is dangerous for five year olds

कइन सर्दियों में निमोनिया के कहर से अपने बच्चे को रखें सुर‍क्षित,पांच साल के बच्चों के लिए खतरनाक है निमोनिया

कइन सर्दियों में निमोनिया के कहर से अपने बच्चे को रखें सुर‍क्षित,पांच साल के बच्चों के लिए खतरनाक है निमोनिया

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In this winter keep your child safe from the havoc of pneumonia, pneumonia is dangerous for five year olds
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कइन सर्दियों में निमोनिया के कहर से अपने बच्चे को रखें सुर‍क्षित,पांच साल के बच्चों के लिए खतरनाक है निमोनिया

निमोनिया को लेकर सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके लक्षण सामान्य फ्लू, छाती के संक्रमण और खांसी के लक्षणों से मिलते हैं. ऐसे में इसकी पहचान कर पाना मुश्क‍िल हो जाता है

पांच साल के बच्चों के लिए खतरनाक है निमोनिया
जिले में 12 नवम्बर से 28 फरवरी 2023 तक चलेगा सांस अभियान
आरसीएचओ डॉ राजीव ढाका व पीएमओ डॉ महेंद्र खीचड ने किया प्रचार प्रसार सामग्री का विमोचन
फोटो
पांच वर्ष तक की उम्र के छोटे बच्चों में निमोनिया एवं उससे होने वाली जटिलता के चलते मृत्यु हो जाती है। इसको को रोकने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से 12 नवम्बर से 28 फरवरी 2023 तक जिले में सांस अभियान चलाया जाएगा।

इसको सफल क्रियान्विति के लिए मिशन निदेशक एनएचएम सुधीर कुमार शर्मा ने निर्देश जारी किए है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने बताया नवजात, कुपोषित शिशु, बुजुर्ग, कमजोर इम्युनिटी वाले इंसा जैसे एचआईवी संक्रमित, अत्यधिक शराब व धूम्रपान के आदि, भीड भाड वाले इलाकों के बाशिन्दे, पुराने हदय, लीवर, किडनी मरीजों को निमोनिया का खतरा अधिक रहता है।

इसकी रोकथाम के लिए जिले के सभी बीसीएमओ व चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को निर्देश दिए गए है। निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। यह विभिन्न बैक्टेरिया व वायरस के श्वास के माध्यम से प्रवेश करने से फैलता है।

संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने पर ये वायरस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर संक्रमण का कारण बनता है।

निमोनिया विश्व में पुरूषों व बच्चों में मृत्यु का एक बडा संक्रामण कारण है।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजीव ढाका ने बताया कि बुखार के साथ तेज खांसी, सांस लेने में कठिनाई, बदन दर्द, खांसी के साथ छाती में दर्द, कभी कभी खराब में खून आना निमोनिया के लक्षण है। पांच साल के बच्चों में ये लक्षण नजर आने पर तुरन्त चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

साथ ही छाती के एक्स रे, सीबीसी, छती के सीटी स्कैन जैसे सामान्य व हर जगह उपलब्ध जांचों से भी निमोनिया का पता लगाया जा सकता है।

आरसीएचओ डॉ ढाका ने बताया कि अभियान के तहत चिकित्सा संस्थानों में आने वाले सभी पांच साल तक की आयु के बच्चों की निमोनिया की स्क्रीनिंग की जाएगी। साथ आशा व एएनएन को निमोनिया के लक्षण की पहचान के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

अभियान के तहत जिले में व्यापक स्तर पर आईईसी गतिविधियां की जाएगी। जिला मुख्यालय पर शनिवार को श्री कल्याण अस्पताल में पीएमओ कक्ष में प्रचार प्रसार सामग्री का जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजीव ढाका, अस्पताल के अधीक्षक डॉ महेंद्र खीचड़,व अन्य चिकित्सकों ने विमोचन किया गया। उन्होने बताया कि जिले में निमोनिया नही ंतो बचपन सही टेग लाइन के साथ अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

 

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