September 8, 2024

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During Corona, 3 children were made Muslims in the children's home, named 'Navjeevan', Hasin Parvez is the director: Children's Commission in action

During Corona, 3 children were made Muslims in the children's home, named 'Navjeevan', Hasin Parvez is the director: Children's Commission in action

कोरोना के दौरान शिशु गृह में 3 बच्चों को बना दिया मुस्लिम… नाम ‘नवजीवन’, हसीन परवेज है संचालक: बाल आयोग एक्शन में

 

कोरोना के दौरान शिशु गृह में 3 बच्चों को बना दिया मुस्लिम… नाम ‘नवजीवन’, हसीन परवेज है संचालक: बाल आयोग एक्शन में

During Corona, 3 children were made Muslims in the children's home, named 'Navjeevan', Hasin Parvez is the director: Children's Commission in action

During Corona, 3 children were made Muslims in the children's home, named 'Navjeevan', Hasin Parvez is the director: Children's Commission in action
During Corona, 3 children were made Muslims in the children’s home, named ‘Navjeevan’, Hasin Parvez is the director: Children’s Commission in action

कोरोना के दौरान शिशु गृह में 3 बच्चों को बना दिया मुस्लिम… नाम ‘नवजीवन’, हसीन परवेज है संचालक: बाल आयोग एक्शन में

korona ke dauraan shishu grh mein 3 bachchon ko bana diya muslim… naam ‘navajeevan’, haseen paravej hai sanchaalak: baal aayog ekshan mein

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के एक शिशु गृह में 3 हिन्दू बच्चों को मुस्लिम बनाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि तीनों बच्चे भाई-बहन हैं जो कोरोना काल में अपने परिजनों से बिछड़ गए थे। इस शिशु गृह को हसीन परवेज नाम के व्यक्ति द्वारा संचालित किया रहा है। आरोप है कि हसीन परवेज ने तीनों बच्चों के इस्लामी नाम ने पहचान पत्र भी बनवा डाले हैं जिसमें उसने खुद को बच्चों का अभिभावक दिखाया है। परवेज की इस करतूत का संज्ञान शनिवार (12 नवंबर, 2022) को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने लिया है और जिला प्रशासन को शिशु गृह संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना गौहरगंज इलाके की है। मुस्लिम बनाए गए तीनों बच्चे नाबालिग हैं जिनकी उम्र 4, 6 और 8 साल है। इसमें 2 लड़कियाँ और 1 लड़का है। ये बच्चे मध्यप्रदेश के ही दामोह जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं जो हिन्दू धर्म के OBC वर्ग से हैं। तीनों साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में मंडीदीप क्षेत्र में अपने माता-पिता से बिछड़ गए थे। उस समय भोपाल बाल कल्याण समिति नाम की संस्था ने इन बच्चों को रायसेन बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया था।

बाद में रायसेन बाल कल्याण समिति ने इन्हें गौहरगंज के शिशु गृह में भेज दिया था।

इस वजह से ये भाई-बहन 3 साल से हसीन परवेज द्वारा चलाए जा रहे गोदी बाल शिशुगृह में रह रहे थे।

हसीन परवेज गौहरगंज के गोदी शिशुगृह को ‘नवजीवन सामाजिक संस्था’ नाम से चलाता है। इस शिशुगृह को सरकार द्वारा अनुदान मिलता है। उसकी एक क्लीनिक भी है। आरोप है कि हसीन परवेज ने इन तीनों बच्चों के आधार कार्ड मुस्लिम नाम से बनवा डाले थे। इन आधार कार्डों में उसने खुद को बच्चों का गार्जियन दिखाया था। इसमें से एक बच्चे का नाम शाहरुख़ रखा गया था। हसीन परवेज के करतूतों की पोल तब खुली जब राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो खुद इस शिशु गृह की जाँच के लिए गए थे। बताया जा रहा है कि उन्हें किसी के द्वारा मौखिक रूप से परवेज की हरकत की शिकायत मिली थी।

निरीक्षण के बाद बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने स्थानीय प्रशासन से बच्चों के परिजनों को न खोजने की वजह पूछी। उन्होंने हिन्दू बच्चों के मुस्लिम नाम से आधार कार्ड की भी जाँच के आदेश दिए। कानूनगो के आदेश पर जिला प्रशासन ने आरोपित हसीन परवेज पर FIR दर्ज कर ली है और रिकार्ड को जब्त कर के जाँच शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि अपने बचाव में परवेज ने अधिकारियों को बताया है कि जो व्यक्ति बच्चों को उनके पास छोड़ने आया था, उसने तीनों बच्चों के मुस्लिम होने की जानकारी दी थी। फ़िलहाल बच्चों के असली परिजनों की तलाश की जा रही है।।।

शिशु गृह में 3 बच्चों का धर्मांतरण – स्कूल सहित आधार कार्ड में भी बदला दिया नाम

3 बच्चों के धर्मांतरण का मामला प्रकाश में आया है, हैरानी की बात तो यह है कि शिशु गृह के संचालक ने न सिर्फ उनका नाम बदला, बल्कि आधार कार्ड पर भी उनके नाम शाहरूख, सुहाना और रूखसाना रख दिए.

रायसेन. शिशु गृह में पिछले तीन सालों से रह रहे 3 बच्चों के धर्मांतरण का मामला प्रकाश में आया है, हैरानी की बात तो यह है कि शिशु गृह के संचालक ने न सिर्फ उनका नाम बदला, बल्कि आधार कार्ड पर भी उनके नाम शाहरूख, सुहाना और रूखसाना रख दिए, जैसे ही इस बात की भनक राष्ट्रीय बाल आयोग को लगी तो हडक़ंप मच गया। फिलहाल सभी दस्तावेजों को जब्त कर जांच शुरू कर दी गई है।

जानकारी के अनुसार करीब 3 साल पहले तीन बच्चे अपने माता-पिता से बिछड़ गए थे, उन्हें राजधानी भोपाल में भटकते देख बाल कल्याण समिति ने रायसेन जिले की बाल कल्याण समिति को सौंप दिया था, इनके बारे में पता चला था कि कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में ये बच्चे अपने माता पिता से मंडीदीप से बिछड़ गए थे, ये बच्चे पिछले तीन साल से रायसेन जिले के गौहरगंज में संचालित शिशु गृह में रह रहे हैं, ये शिशु गृह सरकारी अनुदान पर चलता है, जिसमें केयर टेकर के रूप में संचालक हसीन परवेज है, इन्हीं ने इन तीनों बच्चों के नाम मुस्लिम रखकर उनका आधार कार्ड में भी नाम शाहरूख, सुहाना और रूखसाना रख दिया, इस बात की जानकारी लगने पर राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो शिशु गृह का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें भी सच्चाई नजर आ गई, उन्होंने केयर टेकर को फटकार लगाते हुए सारे दस्तावेज जब्त करा दिए और जांच शुरू करवा दी है।

बताया जा रहा है कि तीनों बच्चों के पिता हिंदू हैं और उनकी मां भी हिंदू हैं, इस बात की जानकारी होने के बाद भी बच्चों का धर्मांतरण करने के कारण हडक़ंप मच गया है, बच्चों के पिता मंडीदीप की किसी फैक्ट्री में काम करते थे, लॉकडाउन के दौरान 2020 में उनकी पत्नी किसी विवाद के चलते उन्हें छोडक़र भोपाल चली गई थी, भोपाल में उनकी पत्नी भीख मांगकर काम चला रही थी, इस दौरान बच्चे भी माता पिता से बिछडक़र भटकते हुए नजर आए थे, जिन्हें शिशु गृह में छोड़ा गया था। इन बच्चों की उम्र 4, 6 और 8 साल है। बच्चे ओबीसी हैं, उन्होंने बताया कि हम दो बहनें और एक भाई हैं, हमारे पहले दूसरे नाम थे, लेकिन यहां के टीचर ने हमारे नाम बदल दिए। इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग ने बच्चों की एसआईआर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। जांच में साफ पता चला कि बच्चों के माता-पिता हिंदू हैं। इसके बावजूद, शिशु गृह संचालक हसीन परवेज ने उनका नाम परिवर्तित न करवाकर स्कूल सहित आधार कार्ड पर भी मुस्लिम नाम लिखवा दिए।

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