दोनों बेटों व फौजी पिता ने किया सैल्यूट तो नम हुई हर आंख,शहीद नायब सूबेदार देवकरण सिंह बुरड़क पंचतत्व में विलीन
झुंझुनू के लाल का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, भारत माता की जय के नारे लगे
झुंझुनू जिले के बुरड़क की ढाणी (कालियासर) मलसीसर के शहीद नायब सूबेदार देवकरण सिंह बुरड़क का सोमवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार किया गया। लोगों ने नम आंखों से शहीद को अन्तिम विदाई दी। इससे पूर्व शहीद की पार्थिव देह दोपहर करीब 12 बजे मलसीसर पुलिस थाना पहुंची। वहां से गांव तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। शहीद को दोनों बेटों निखिल व कुणाल ने मुखाग्नि दी।
नायब सूबेदार देवकरण सिंह बुड़बक भारतीय सेना की 15वीं जाट रेजीमेंट कार्यरत थे । उनकी तैनाती ऑपरेशन रक्षक के तहत कारगिल के बाल्टिक सेक्टर में 18 हजार की ऊंचाई से भी अधिक के क्षेत्र में थी । ड्यूटी के दौरान 13 फरवरी को ऊंचाई में सांस लेने में परेशानी हुई और बेहोश हो गए थे इस दौरान उन्हें सैन्य हेलीकॉप्टर से कारगिल के सैन्य अस्पताल में इलाज प्राथमिक इलाज के लिए लाया गया तथा बाद में उधमपुर के कमांड हॉस्पिटल में एयर लिफ्ट किया गया । वही इलाज के दौरान 19 फरवरी को उन्होंने दम तोड़ दिया ।
शहीद देवकरण के पिता भी भारतीय सेना से रिटायर्ड हैं । वह तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे । उनके बड़े भाई संजय सिंह भी आर्मी से रिटायर्ड हैं और फिलहाल सेना सुरक्षा कोर में कार्यरत हैं जबकि छोटा भाई अनिल भी आर्मी में तैनात है ।
शहीद के सम्मान में मलसीसर से उनके पैतृक गांव तक तिरंगा यात्रा निकाली गई एवं जगह-जगह पर पुष्प वर्षा से शहीद का सम्मान किया गया । ।
सामाजिक रस्मों रिवाजों के बाद शहीद देवकरण का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया । सांसद नरेंद्र कुमार, मंडावा विधायक रीटा चौधरी, जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी, पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा,पुलिस उपाधीक्षक ग्रामीण रोहिताश देवेंदा, प्रधान घासीराम पूनियां, भाजपा नेता प्यारेलाल ढूकिया, पूर्व प्रधान गिरधारी लाल खींचड, थानाधिकारी गोपाल सिंह थालौर, सुनील स्योराण, सुशील खींचड़ सहित अनेक लोगों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद जाट रेजीमेन्ट की बटालियन द्वारा शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में युवा और आसपास के ग्रामीण तथा जनप्रतिनिधि शामिल हुए । शहीद देवकरण का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बुरड़क की ढाणी पहुंचा तो गांव का माहौल गमगीन हो गया
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद शहीद के पिता को राष्ट्रध्वज सौंपा गया । बेटे निखिल व कुनाल ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी ।
बेसुध हुई वीरांगना
जैसे ही उनकी पार्थिव देह घर पहुंची तो घर में कोहराम मच गया। शहीद की वीरांगना और दोनों बेटों निखिल व कुणाल का रो रो कर बुरा हाल हो गया। वीरांगना ने कहा मेरे पति वे मेरे बेस्ट फ्रेंड भी थे। वे मां भारती के लाल थे। वीरांगना ने शहीद अमर रहे के नारे भी लगाए। वह बार-बार बेसुध होती रही। इधर रिटायर्ड फौजी पिता बोईतराम ने शहीद बेटे को सैल्यूट कर अंतिम विदाई दी।
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