Athlete PT Usha 'Udan Pari' created history, became the first woman President of the Indian Olympic Association
Athlete PT Usha ‘Udan Pari’ created history, became the first woman President of the Indian Olympic Association
मशहूर एथलीट और राज्यसभा मनोनीत सांसद पीटी उषा को भारतीय ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनाया गया है। वे इस पद की एकमात्र दावेदार थीं, ऐसे में उनका अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा था. चुनाव 10 दिसंबर को होने थे, लेकिन विपक्ष में कोई अन्य उम्मीदवार नहीं होने के कारण उन्हें IOA की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में चुना गया है।
अपने जमाने के दिग्गज धाविका पीटी उषा को शनिवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का पहला महिला अध्यक्ष चुना गया जिससे भारतीय खेल प्रशासन में नए युग की शुरुआत भी हुई. 58 वर्षीय उषा को चुनाव के बाद शीर्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया. चुनाव उच्चतम न्यायालय से नियुक्त किए गए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज नागेश्वर राव की देखरेख में संपन्न हुए.
उषा के अध्यक्ष चुने जाने से आईओए में गुटीय राजनीति के कारण पैदा हुआ संकट भी समाप्त हो गया. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने इस महीने चुनाव नहीं कराने की दशा में आईओए को निलंबित करने की चेतावनी दी थी. इन चुनावों को दिसंबर 2021 में होना था. उषा का शीर्ष पद पर चुना जाना पिछले महीने ही तय हो गया था क्योंकि वह अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाली एकमात्र प्रत्याशी थी. किसी ने भी उषा का विरोध नहीं किया जिन्हें जुलाई में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के लिए नामित किया था
भारत की महान एथलीट पीटी उषा को भारतीय ओलंपित संघ का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। वे पहली भारतीय महिला एथलीट हैं जो भारतीय ओलंपिक संघ की प्रेसीडेंट बनी हैं। इससे पहले सिर्फ महाराजा यादविंदर सिंह ही ऐसे खिलाड़ी थे जो ओलंपिक संघ के अध्यक्ष बने थे। देश की महान धावक पीटी उषा को 10 दिसंबर को प्रेसीडेंट पद पर चुना गया।
एथलीट पीटी उषा ‘उड़न परी’ ने रचा इतिहास, भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला प्रेसीडेंट बनीं
भारतीय ओलंपित संघ में अभी तक सिर्फ राजनीति का दबदबा चलता था और खिलाड़ी संघ से अक्सर दूर ही रहते थे। लेकिन पीटी उषा के अध्यक्ष बनने के बाद यह परंपरा अपने आप टूट गई है। इससे पहले के घटनाक्रम में इंटरनेशनस ओलंपिक कमिटी ने चुनाव न कराने के दशा में भारतीय ओलंपित संघ को निलंबित करने की वार्निंग भी दी थी। लेकिन पीटी उषा को जुलाई में राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया और प्रेसीडेंट पद के लिए उन्होंने सिंगल आवेदन करके सारे विवादों को खत्म कर दिया। 10 दिसंबर को उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया।
यह है पीटी ऊषा
पीटी उषा देश की करोड़ा महिला एथलीट्स के लिए प्रेरणास्रोत हैं। पीटी उषा ने एशियन गेम्स में 4 गोल्ड मेडल, 7 सिल्वर मेडल जीते हैं। उन्होंने 1982, 1986, 1990 और 1994 में एशियन गेम्स में मेडल जीते थे। वहीं एशियाई चैंपियनशिप में उनके नाम कुल 14 गोल्ड मेडल, 6 सिल्वर मेडल, 3 ब्रांज मेडल वे जीत चुकी हैं।एशियाई खेलों में कई पदक जीतने वाली और 1984 के लॉस एंजलिस ओलंपिक खेलों में 400 मीटर की बाधा दौड़ में चौथे स्थान पर रही। पीटी उषा ने सन 2000 में संन्यास लिया था और वे दो दशक तक एशियाई खेलों में राज करने वाली पहली महिला एथलीट रही हैं।
उड़न परी के नाम विख्यात
पीटी उषा को ज्यादातर लोग उड़न परी या फिर पय्योली एक्सप्रेस के नाम से जानते हैं। उनका निर्विरोध अध्यक्ष बनना पहले ही तय हो गया था क्योंकि प्रेसीडेंट पद के लिए नामांकन करने वाली वे इकलौती उम्मीदवार थीं। बीजेपी ने उन्हें इसी साल राज्यसभा के लिए भी नामित किया था। भारतीय ओलंपिक संघ के 95 साल के इतिहास को देखें तो वे पहली ओलंपियन हैं जिन्होंने इस पर चयनित होकर खेल को बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया है।
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