गाँव तिगियास का इतिहास,डिंगली से आए एक पूनिया (जाट) परिवार ने बसाया था तिगियास गांव
History of village Tigias, Tigias village was established by a Poonia (Jat) family from Dingli
![ग्राम पंचायत तिगियास](https://newsandjobs.in/wp-content/uploads/2022/11/IMG_20210109_121543-300x225.jpg)
गाँव तिगियास का इतिहास,डिंगली से आए एक पूनिया (जाट) परिवार ने बसाया था तिगियास गांव
मण्ड्रेला.जिला मुख्यालय 26 किलोमिटर एवं पंचायत समिति पिलानी से 23 किलोमिटर दूरी पर तीन सौ घरों की आबादी वाला गांव तिगियास झुंझुनूं जिले का अंतिम गांव एवं ग्राम पंचायत है।
पूर्वी एवं उत्तर दिशा में चूरू जिले की सीमा गलती है।
ग्रामीण पूर्व सरपंच बनवारीलाल मेघवाल,पूर्व बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेट बनवारी लाल पूनिया,पूर्व प्रधानाचार्य मनरूप स्वामी,मानसिंह पूनिया,व्याख्याता रामसिंह पूनिया के अनुसार शेखावाटी की गंगा काटली नदी के अंतिम पड़ावा में बसा तिगियास गांव को वर्तमान में चूरू जिले की सादुलपुर तहसील के डिगली गांव से आए एक पूनिया (जाट) परिवार की ओर विक्रम संवत 1698 में बसायागया था।
गांव का तिगियास नाम कैसे पड़ा इस संबंध में किसी को कोई विशेष जानकारी नही है।गांव में तीन सार्वजनिक धार्मिक स्थल राधा कृष्ण मंदिर,गुगोजी मंदिर एवं गोरखनाथ मंदिर बने हुए है जो लोगों के आस्था के केन्द्र है।
ग्राम पंचायत तिगियास
सरपंच मुन्नी देवी पत्नी अंतरसिंह पूनिया ने बताया कि ग्राम पंचायत तिगियास मुख्य पांच गांवों से बनी हुई है जिसमें 2011 की जनगणा के अनुसार तिगियास में 1488,सैनीपुरा 1227,नंदरामपुरा 579,महती की ढ़ाणी 483,रघुवीरपुरा 631 में जनसख्या थी कुल तिगियास ग्राम पंचायत की 4408 जनसख्या थी।
तिगियास की
खेती-बाड़ी और सरकारी नौकरी
ग्रामीणों के अनुसार लोगों का मुख्य पेशा कृषि और पशुपालन है।गांव मेें वर्तमान में 70 से अधिक सरकारी कर्मचारी कार्यरत है जिसमें सबसें अधिक सेना,पुलिस शिक्षा विभाग में कार्यरत है।इसके साथ गांव का एक बेटा आलोक स्वामी आईएएस तो एक लाडली बेटी पूजा आलडिय़ा न्यायधीय है।
शेरसिंह पूनिया व्यख्याता के पद से तो शिवराज सिंह पूनिया जलदाय विभाग में उच्च पद से सेवानिवृत है।तेजपाल सिंह आलडिय़ा जेडिए में एकाउटेंड तो रितिका चिकित्सक के पद पर कार्ररत है।
सुविधाएं
गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय,एक प्राधमिक विद्यालय,खेल मैदान,पंचायत भवन पशु उप स्वास्थ्य केन्द्र,्र आदि है।
![राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तिगियास](https://newsandjobs.in/wp-content/uploads/2022/11/IMG_20210109_123911-1-300x169.jpg)
गांव की प्र्रमुख समस्याएं
पूर्व में काटली नदी के भवाव क्षेत्र में बसे होने के कारण घर दूर दूर होने पर गांव की गलियों में सडक़ों की कमी,पानी की किल्लत,श्मशान भूमि की चारदीवारी नही होने की वजह से पौधे को आवारा पशु नुकसान पहुंचाते हैं,खेल ग्राउंड में संसाधनों की कमी,सार्वजनिक शोचलाय में पानी की किल्लत।गोचर भूमि पर अतिक्रमण।
जरूरतमंद लोगों के लिए बना है आदित्य गु्रप
गांव के युवा समाजसेवी दिल्ली पुलिस के जवान चरणसिंह पूनियां ने गांव के युवाओं को साथ लेकर गांव में आदित्य ग्रुप नाम से ग्रुप बना रखा है।जिसके तहत गांव के जरूरमंद लोगों की सेवा की जाती है।ग्रुप के तहत गांव में पौधरोपण,बालिका शिक्षा को बढ़ावा,गांव में खेलों को बढ़ावा,जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादी में मदद सहित अन्य समाजिक कार्या में भाग लिया जाता है।
शहीद की मुर्ति के लिए जमीन आवंटित नही
![गांव का लाडला शहीद मेहरचंद पूनिया 11 सितम्बर 1967 को सिक्किम के नाथूला दर्रा में शहीद हुआ था](https://newsandjobs.in/wp-content/uploads/2022/11/mdl-shahid-meharchand-298x300.jpg)
गांव का लाडला शहीद मेहरचंद पूनिया 11 सितम्बर 1967 को सिक्किम के नाथूला दर्रा में शहीद हुआ था।गांव की माध्यमिक स्कूल का नामकारण तो शहीद के नाम पर हो चूका है पर शहीद की मूर्ति बनकर तैयार है पर सरकार की ओर से मूर्ति स्थल के लिए भूमि आवंटिन नही करने के कारण अभी तक गांव में शहीद की मूर्ति नही लग पाई है।
संवत 2022,23 सन 1966 में गांव हुआ था जलमग्न
ग्रामीणों के अनुसार संवत 2022,23 सन 1966 में काटली नदी में अधिक पानी आने से पानी के भयकर उफान से पुरा गांव जलमग्न हो गया था।उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहनलाल एवं तत्कालीन चिड़ावा प्रधान मुलचदं कटेवा व जिला कलेक्टर गांव के दौरे पर आए थे।गांव के लोगों की हालत देखकर मौखिक आदेश पर गांव के लोगों को उच्च स्थान पर घर बनाने के लिए सरकारी जमीन व जरूरी समान सहित खाद्य सामर्गी उपलब्ध करवाई थी।जिसके बाद गांव में पुरानी बस्ती एवं नई बस्ती नाम से गांव को मोहल्लों को जाने जाना लगा।
![राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तिगियास](https://newsandjobs.in/wp-content/uploads/2022/11/IMG_20210109_123911-1-300x169.jpg)
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![गांव का लाडला शहीद मेहरचंद पूनिया 11 सितम्बर 1967 को सिक्किम के नाथूला दर्रा में शहीद हुआ था](https://newsandjobs.in/wp-content/uploads/2022/11/mdl-shahid-meharchand-298x300.jpg)
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