नाबालिग ने प्री-मैच्योर बच्चे को दिया जन्म,अपनाने से किया इनकार
Minor gave birth to pre-mature child, refused to adopt
![बीडीके अस्पताल झुंझुनू](https://newsandjobs.in/wp-content/uploads/2022/11/screenshot20220803112236_1659505963-300x169.jpg)
झुंझुनूं से इस वक्त की बड़ी खबर मिल रही है,झुंझुनूं जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने वाली 11वीं की नाबालिग छात्रा ने झुंझुनूं के राजकीय बीडीके अस्पताल में एक नवजात को जन्म दिया है।लेकिन नाबालिग और उसके परिजन ने बच्चे को अपने पास रखने से इनकार कर दिया।उन्होंने बाल कल्याण समिति, अस्पताल प्रबंधन और पुलिस के सामने बच्चे को रखने में असमर्थता जाहिर करते हुए प्रार्थना पत्र पेश कर दिया। इसके बाद बाल कल्याण समिति ने संज्ञान लेते हुए बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया है।प्री-मैच्योर होने और वजन कम होने के कारण नवजात जिसकी हालत भी गंभीर है.नवजात को बीडीके अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती किया गया है। बीडीके अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश डूडी के नेतृत्व में टीम द्वारा बच्चे का ईलाज किया जा रहा है. इधर, सूचना के बाद बाल अधिकारिता विभाग भी सक्रिय हो गया है.
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक डॉ. पवन पूनिया ने बच्चे व नाबालिगा को लेकर चिकित्सकों से बातचीत की हैं. डॉ. पूनिया ने बताया कि बच्चे के स्वस्थ होने के बाद इस मामले को बाल कल्याण समिति के समक्ष लाया जाएगा. ताकि बच्चे के भविष्य को लेकर फैसला लिया जा सके. सूचना है कि नाबालिगा के परिजनों ने बच्चे को अपनाने से इनकार किया है.
सुरक्षा गार्ड की तैनाती
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अर्चना चौधरी ने मामले में संज्ञान लेते हुए बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया है। बाल कल्याण समिति ने बच्चे को संरक्षण में बीडीके अस्पताल की एसएनसीयू यूनिट को बच्चे की देखभाल के लिए पाबंद किया है। बाल कल्याण समिति की ओर से बच्चे की सुरक्षा के लिए एक गार्ड भी लगाया गया है। वहीं, बाल अधिकारिता विभाग की ओर से आया की व्यवस्था भी की जाएगी।
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झुंझुनूं से इस वक्त की बड़ी खबर मिल रही है,झुंझुनूं जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने वाली 11वीं की नाबालिग छात्रा ने झुंझुनूं के राजकीय बीडीके अस्पताल में एक नवजात को जन्म दिया है।लेकिन नाबालिग और उसके परिजन ने बच्चे को अपने पास रखने से इनकार कर दिया।उन्होंने बाल कल्याण समिति, अस्पताल प्रबंधन और पुलिस के सामने बच्चे को रखने में असमर्थता जाहिर करते हुए प्रार्थना पत्र पेश कर दिया। इसके बाद बाल कल्याण समिति ने संज्ञान लेते हुए बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया है।प्री-मैच्योर होने और वजन कम होने के कारण नवजात जिसकी हालत भी गंभीर है.नवजात को बीडीके अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती किया गया है। बीडीके अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश डूडी के नेतृत्व में टीम द्वारा बच्चे का ईलाज किया जा रहा है. इधर, सूचना के बाद बाल अधिकारिता विभाग भी सक्रिय हो गया है.
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक डॉ. पवन पूनिया ने बच्चे व नाबालिगा को लेकर चिकित्सकों से बातचीत की हैं. डॉ. पूनिया ने बताया कि बच्चे के स्वस्थ होने के बाद इस मामले को बाल कल्याण समिति के समक्ष लाया जाएगा. ताकि बच्चे के भविष्य को लेकर फैसला लिया जा सके. सूचना है कि नाबालिगा के परिजनों ने बच्चे को अपनाने से इनकार किया है.
सुरक्षा गार्ड की तैनाती
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अर्चना चौधरी ने मामले में संज्ञान लेते हुए बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया है। बाल कल्याण समिति ने बच्चे को संरक्षण में बीडीके अस्पताल की एसएनसीयू यूनिट को बच्चे की देखभाल के लिए पाबंद किया है। बाल कल्याण समिति की ओर से बच्चे की सुरक्षा के लिए एक गार्ड भी लगाया गया है। वहीं, बाल अधिकारिता विभाग की ओर से आया की व्यवस्था भी की जाएगी।
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