July 26, 2024

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Buddhist rituals organized a mass marriage ceremony, administered an oath not to believe in Hindu gods and goddesses

Buddhist rituals organized a mass marriage ceremony, administered an oath not to believe in Hindu gods and goddesses

बौद्ध धर्म के रीतिरिवाजों ने करवाया सामूहिक विवाह सम्मेलन,हिन्दू देवी देवताओं को नहीं मानने की दिलाई शपथ

बौद्ध धर्म के रीतिरिवाजों ने करवाया सामूहिक विवाह सम्मेलन,हिन्दू देवी देवताओं को नहीं मानने की दिलाई शपथ

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Buddhist rituals organized a mass marriage ceremony, administered an oath not to believe in Hindu gods and goddesses
Buddhist rituals organized a mass marriage ceremony, administered an oath not to believe in Hindu gods and goddesses

Second paragraph of news

बौद्ध धर्म के रीतिरिवाजों ने करवाया सामूहिक विवाह सम्मेलन,हिन्दू देवी देवताओं को नहीं मानने की दिलाई शपथ

भरतपुर -जिले के कुम्हेर कस्बे में संत रविदास सेवा समिति की तरफ से पांचवा सामूहिक विवाह सम्मेलन किया गया जिसमें समिति ने 11 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया। इससे पहले सभी का धर्म परिवर्तन कराकर बौद्ध धर्म गृहण कराया गया। इसके बाद सभी विवाहित जोड़ों को 22 शपथ दिलाई गई। विश्व हिंदू परिषद ने जताई आपत्ती।
विवाह सम्मेलन कुम्हेर कस्बे के एक निजी मैरिज होम में कराया गया था।समाज प्रतिनिधि शंकरलाल बौद्ध ने बताया कि सामूहिक विवाह के जरिए सोशल मैसेज दिया गया है। लोग शादी के नाम पर अनावश्यक खर्च करते हैं। एक शादी में जितना खर्च होता है, उससे कम खर्च में यहां 11 शादियां कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि ये समाज की 22 प्रतिज्ञाएं हैं। ये प्रतिज्ञाएं बौद्ध धर्म का कवच हैं। ये प्रतिज्ञाएं इसलिए दिलाई जाती हैं ताकि तथाकथित लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए बौद्ध धर्म में मिलावट न कर सकें। बौद्ध धर्म को शुद्ध रखने के लिए ये प्रतिज्ञाएं दिलाई जाती हैं।सोशल साइडस् पर इस सम्मेलन की शपथ की विडियों वायरल होने पर विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष लाखन सिंह ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है। इस कार्यक्रम में कुम्हेर डीग के अधिकारी भी मौजूद थे। उनके जाने के बाद सार्वजनिक कार्यक्रम में खुले मंच से विवादित शपथ दिलवाई गई। यह गलत है। यह देश की अखंडता के लिए खतरा है। इसकी निंदा करते हैं।
अलवर में भी इस तरह का आयोजन हो चुका है
भरतपुर में यह छठा कार्यक्रम लालचंद पैंगोरिया की अगुवाई में हुआ है। पैंगोरिया संत रविदास सेवा समिति के अध्यक्ष व संरक्षक हैं। पूरे समाज के सहयोग से यह आयोजन किया गया है। यहां जाति बंधन नहीं है। सर्व समाज के भी विवाह आयोजन किए जाते हैं।हम संत रविदास, भगवान बुद्ध और बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलकर ही इस तरह के आयोजन करते हैं। शंकर लाल ने बताया कि यहां सामूहिक विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए 11 हजार रुपए लिए गए थे। रजिस्ट्रेशन इसलिए ताकि इस कार्यक्रम में शामिल युवा इसकी गंभीरता को समझें।

भरतपुर -जिले के कुम्हेर कस्बे में संत रविदास सेवा समिति की तरफ से पांचवा सामूहिक विवाह सम्मेलन किया गया जिसमें समिति ने 11 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया। इससे पहले सभी का धर्म परिवर्तन कराकर बौद्ध धर्म गृहण कराया गया। इसके बाद सभी विवाहित जोड़ों को 22 शपथ दिलाई गई। विश्व हिंदू परिषद ने जताई आपत्ती।
विवाह सम्मेलन कुम्हेर कस्बे के एक निजी मैरिज होम में कराया गया था।समाज प्रतिनिधि शंकरलाल बौद्ध ने बताया कि सामूहिक विवाह के जरिए सोशल मैसेज दिया गया है। लोग शादी के नाम पर अनावश्यक खर्च करते हैं। एक शादी में जितना खर्च होता है, उससे कम खर्च में यहां 11 शादियां कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि ये समाज की 22 प्रतिज्ञाएं हैं। ये प्रतिज्ञाएं बौद्ध धर्म का कवच हैं। ये प्रतिज्ञाएं इसलिए दिलाई जाती हैं ताकि तथाकथित लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए बौद्ध धर्म में मिलावट न कर सकें। बौद्ध धर्म को शुद्ध रखने के लिए ये प्रतिज्ञाएं दिलाई जाती हैं।सोशल साइडस् पर इस सम्मेलन की शपथ की विडियों वायरल होने पर विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष लाखन सिंह ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है। इस कार्यक्रम में कुम्हेर डीग के अधिकारी भी मौजूद थे। उनके जाने के बाद सार्वजनिक कार्यक्रम में खुले मंच से विवादित शपथ दिलवाई गई। यह गलत है। यह देश की अखंडता के लिए खतरा है। इसकी निंदा करते हैं।
अलवर में भी इस तरह का आयोजन हो चुका है
भरतपुर में यह छठा कार्यक्रम लालचंद पैंगोरिया की अगुवाई में हुआ है। पैंगोरिया संत रविदास सेवा समिति के अध्यक्ष व संरक्षक हैं। पूरे समाज के सहयोग से यह आयोजन किया गया है। यहां जाति बंधन नहीं है। सर्व समाज के भी विवाह आयोजन किए जाते हैं।हम संत रविदास, भगवान बुद्ध और बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलकर ही इस तरह के आयोजन करते हैं। शंकर लाल ने बताया कि यहां सामूहिक विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए 11 हजार रुपए लिए गए थे। रजिस्ट्रेशन इसलिए ताकि इस कार्यक्रम में शामिल युवा इसकी गंभीरता को समझें।

 

 

 

 

 

 

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