July 24, 2024

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gram panchayat mandrella

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मण्ड्रेला कस्बे का दुर्भाग्य कोई नही धणीधोरी

मण्ड्रेला कस्बे का दुर्भाग्य कोई नही धणीधोरी

No one is rich in the misfortune of Mandrela town

gram panchayat mandrella
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नेता सिर्फ चुनावों तक

मण्ड्रेला कस्बे का दुर्भाग्य कोई नही धणीधोरी
विकास पर कोई चर्चा नही,नेता सिर्फ चुनावों तक

मण्ड्रेला. कस्बे का दुर्भाग्य है कि मण्ड्रेला नगरपालिका से मण्ड्रेला ग्राम पंचायत बन कर रह गया।चुनाओं को छोडकऱ नेताओं ने भी मण्ड्रेला कस्बे को कोई तवज्जों नही दी।यही वजह है कि बीस हजार से अधिक आबादी वाले कस्बे में कई योजनाएं लोगों की ओर मुह बाए खड़ी है।

1976 व 1981 में दो बार बनी नगरपालिका कोई धणीधोरी नही होने की वजह से आज अपने समकक्ष कस्बों से काफी पीछड़ गया है।

कस्बे में कोई नेता मण्ड्रेला को फिर से नगरपालिका बनाने को प्रत्यनसील नही है।

कस्बे में स्वीकृत उपतहसील  है।मण्ड्रेला कस्बे में कई कृषि मंडियों से अधिक अनाज बिकने को आता है।पर कृषि मंडी नही है।सुस्त प्रसाशन व प्रभावसाली नेताओं के वरदहस्त के चलते कस्बे अवैध कॉलोनियों का जाल बिछता जा रहा है।जिससे सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।कस्बे से हजारों लोग रोजाना सफर करते है पर कस्बे में सरकारी बसौं अभाव होने के कारण निजी बसौं में महगी यात्रा करनी पड़ती है।तथा महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा दैय किराये में छूट का लाभ नही मिल पा रहा है।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मण्ड्रेला में तीन सौ से ज्यादा ओपीडी है फिर भी कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नही है।14 साल से जमीन के अभाव में चौकी परिसर में चल रहा है ।कस्बे के विद्युत विभाग के कनिष्ट अभिंयता कार्यालय के दायरे में छह हजार से भी ज्यादा विद्युत कनेक्सन है पर सहायक अभियंता कार्यालय नही है।जिसकी वजह से रोज विद्युत संबधित समस्याओं के लिए उपभोक्ता बगड़ जाते है।जलदाय विभाग में कनिष्ट अभिंयता का पद स्वीकृत है पर कार्यालय नही है।कस्बे में गंदे पानी की स्थाई निकासी नही होने व सफाई व्यवस्था चरमाराई हुई है।ओर कस्बे के चारों कोनो पर गंदे पानी व कचरें का साम्राज्य फैला हुआ।इसी के साथ ही कस्बे में कई सरकारी कार्यालय होने चाहिए पर नेताओं की बैरूखी एवं कस्बे के बुद्धाीजिवियों के इस और ध्यान नही देने के कारण आज कस्बेवासी विकास को तरस रहे है।

कस्बे में यह है मुख्य समस्याए जिनका होना चाहिए समाधान 

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मण्ड्रेला में तीन सौ से ज्यादा ओपीडी है फिर भी कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नही है।

कस्बे के विद्युत विभाग के कनिष्ट अभिंयता कार्यालय के दायरे में छह हजार से भी ज्यादा विद्युत कनेक्सन है पर सहायक अभियंता कार्यालय नही है।

जलदाय विभाग में कनिष्ट अभिंयता का पद स्वीकृत है पर कार्यालय नही है।

1976 व 1981 में दो बार बनी नगरपालिका कोई धणीधोरी नही होने की वजह से आज अपने समकक्ष कस्बों से काफी पीछड़ गया है।कस्बे में कोई नेता मण्ड्रेला को फिर से नगरपालिका बनाने को प्रत्यनसील नही है।

मण्ड्रेला कस्बे में कई कृषि मंडियों से अधिक अनाज बिकने को आता है।पर कृषि मंडी नही है।

सुस्त प्रसाशन व प्रभावसाली नेताओं के वरदहस्त के चलते कस्बे अवैध कॉलोनियों का जाल बिछता जा रहा है।

कस्बे से हजारों लोग रोजाना सफर करते है पर कस्बे में सरकारी बसौं अभाव होने के कारण निजी बसौं में महगी यात्रा करनी पड़ती है।तथा महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा दैय किराये में छूट का लाभ नही मिल पा रहा है।

कस्बे में गंदे पानी की स्थाई निकासी नही होने व सफाई व्यवस्था चरमाराई हुई है।

14 साल से जमीन के अभाव में चौकी परिसर में चल रहा है

1976 व 1981 में दो बार बनी नगरपालिका कोई धणीधोरी नही होने की वजह से आज अपने समकक्ष कस्बों से काफी पीछड़ गया है।कस्बे में कोई नेता मण्ड्रेला को फिर से नगरपालिका बनाने को प्रत्यनसील नही है।

 

 

 

 

 

 

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