July 27, 2024

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सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन फूलों की होली के साथ हुआ

सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन फूलों की होली के साथ हुआ

 

सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन फूलों की होली के साथ हुआ

The seven-day long Shrimad Bhagwat Katha ended with a Holi of flowers.

सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन फूलों की होली के साथ हुआ

सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन फूलों की होली के साथ हुआ

saat divaseey shreemad bhaagavat katha ka samaapan phoolon kee holee ke saath hua

झुंझुनूं  चुना का चौक रानी सती रोड भीखा वाला कुआं के पास स्थित नोहरे में भरत कुमार तुलस्यान परिवार द्वारा श्रीमद् भागवत कथा में व्यास पीठ से कथावाचक श्री हरि शरण जी महाराज ने अपनी सुमधुर चिर परिचित शैली में कथा का रसपान श्रोता भक्तों को करवाते हुए सप्तम दिवस सोमवार पर करवाया।

सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का मंगलवार को समापन हुआ।

भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद,  महाराज के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया।

विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।

इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। महाराज श्री ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने को कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है,वह हिंसा से संभव सकता है।सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन फूलों की होली के साथ हुआ

सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन फूलों की होली के साथ हुआ

समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों के द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होते है, इतिहास इसका साक्षी है। सात दिनों तक इस कथा में पुरा वातावरण भक्तिमय रहा। कथा के समापन से पूर्व फूलों की होली खेली गई।

कथा के मध्य महाराज श्री के कर्णप्रिय भजनों पर श्रोता भक्त मंत्र मुग्ध हुए बिना नही रह सके। इस अवसर पर भगवान कृष्ण एवं सुदामा मिलन की जीवंत झांकी सजाई गई।

इस अवसर पर आयोजक तुलस्यान परिवार के रामचंद्र, भरत कुमार, रामगोपाल, पवन कुमार, संत कुमार, छाजूराम, श्यामसुंदर, अशोक कुमार, सुनील कुमार, तुलस्यान सहित अन्य परिवार जन, भाजपा के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेता मदन दिलावर, बनवारी लाल सैनी, महेश जीनगर, अरुणा सिहाग, केसरदेव तुलस्यान, राजकुमार मोरवाल, जुगल मोदी, डाॅ.डीएन तुलस्यान, उमाशंकर महमिया, रामगोपाल महमिया, श्रवण केजडीवाल, शिवचरण हलवाई, सीए पवन केडिया, कालूराम तुलस्यान, आनंद टीबड़ा, विपिन राणा सरिया, सुनील तुलस्यान एवं नेकी राम धुपिया सहित अन्यजन बडी संख्या मे अन्यजन उपस्थित थे।

कथा के मध्य जीवन्त झांकी प्रत्येक दिवस वृंदावन से पधारे मूलचंद शर्मा द्वारा सुसज्जित कर सजाई जाती है। मूलचंद शर्मा ने बताया कि वे यह कार्य वर्षों से कुशलतापूर्वक करते आ रहे हैं साज सज्जा ड्रेस एवं मेकअप का सामान सब अपने साथ वृंदावन से लाते हैं तथा प्रत्येक दिवस सजाई जाने वाली झांकी के पात्र आयोजक परिवार के सदस्यों को बनाकर उन्हें सुसज्जित करते हैं।

कथा के समापन से पूर्व हरि शरण जी महाराज एवं आयोजक भरत कुमार तुलस्यान एवं उनकी धर्मपत्नी का सर्व समाज की ओर से माल्यार्पण के साथ साफा एवं दुपट्टा ओढाकर प्रतीक चिन्ह भेटंकर स्वागत अभिनंदन करते हुए सफल भागवत कथा के आयोजन हेतु आभार प्रकट किया गया।

स्वागत अभिनंदन करने वालों में उपस्थित नागरिक मंच से उमाशंकर महमियां, ब्राह्मण समाज से रामगोपाल महमियां, श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था से केसरदेव तुलस्यान, श्रवण केजरीवाल, परमेश्वर हलवाई, डॉक्टर डीएन तुलस्यान, सुनील तुलस्यान, सीए पवन केडिया, गल्ला व्यापार संघ से आनंद टीबड़ा, विपिन राणासरिया, अग्रवाल समाज से शिवचरण हलवाई, जुगल मोदी, चुना चौक विकास समिति से कालूराम तुलस्यान, कृष्ण कुमार शर्मा, झुंझुनू प्रगति संघ मुंबई से सीए कृष्ण मुरारी तुलस्यान सीए अन्य जन उपस्थित थे।

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