July 27, 2024

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Iran government bows down after the death of hundreds of people, ready to change 40-year-old hijab law

Iran government bows down after the death of hundreds of people, ready to change 40-year-old hijab law

सैकड़ों लोगों की मौत के बाद झुकी ईरान सरकार, 40 साल पुराना हिजाब कानून बदलने को तैयार ईरान में दो महीने से चल रहे प्रदर्शन में अब तक 4 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है

सैकड़ों लोगों की मौत के बाद झुकी ईरान सरकार, 40 साल पुराना हिजाब कानून बदलने को तैयार ईरान में दो महीने से चल रहे प्रदर्शन में अब तक 4 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है

Iran government bows down after the death of hundreds of people, ready to change 40-year-old hijab law
Iran government bows down after the death of hundreds of people, ready to change 40-year-old hijab law
Iran government bows down after the death of hundreds of people, ready to change 40-year-old hijab law

 

प्रदर्शन की ताकत: महिलाओं को जल्द मिल सकता है हिजाब से छुटकाराईरान में सरकार झुकी, 39 साल पुराना हिजाब कानून बदलेगा महसा की मौत के बाद से विरोध जारी

ईरान में रंग लाई महिलाओं की क्रांति, बदलेगा 40 साल पुराना कानून,

सरकार अब हिजाब कानून पर विचार करने को तैयार हो गई है, ईरान के अटॉर्नी जनरल का आया बयान ईरान में रंग लाई महिलाओं की क्रांति, बदलेगा 40 साल पुराना कानून….

सैकड़ों लोगों की मौत के बाद झुकी ईरान सरकार, 40 साल पुराना हिजाब कानून बदलने को तैयार ईरान में दो महीने से चल रहे प्रदर्शन में अब तक 4 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अब ईरान सरकार चार दशक पुराने हिजाब कानून में बदलाव करने को तैयार है। हालांकि स्प्ष्ट नहीं है कि क्या बदलाव होंगे।

तेहरान. ईरान सरकार हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरीं महिलाओं के सामने आखिरकार झुक गई है। महसा अमीनी की मौत के बाद दो महीने से अधिक समय से जारी उग्र प्रदर्शनों के बीच उसने हिजाब की अनिवार्यता से जुड़े 39 साल पुराने कानून बदलने के संकेत दिए हैं। ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंताजेरी ने बताया कि संसद और न्यायपालिका हिजाब कानून की समीक्षा कर रही है। एक या दो हफ्ते में फैसला सामने आ सकता है। इससे लगता है कि ईरान में महिलाओं को हिजाब से जल्द छुटकारा मिलेगा।

दरअसल, ईरान में 1983 में हिजाब पहनना अनिवार्य किया गया था। इसी कानून के तहत 22 वर्षीय अमीनी को गिरफ्तार किया गया था। 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई थी।

ईरान में 1979 की इस्लामिक क्रांति के चार साल बाद 1983 में हिजाब पहनना अनिवार्य किया गया था।

महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए थे प्रदर्शन।

अपना सकते हैं लचीला रुख

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा कि देश की गणतंत्रात्मक और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से स्थापित है। संविधान को लागू करने के कुछ तरीकों को लचीला बनाया जा सकता है। रूढ़िवादियों का मानना है कि महिलाओं को सिर ढकना ही चाहिए, जबकि सुधारवादी गुट इस दकियानूसी प्रथा से बाहर निकलने पर जोर दे रहे हैं।

ईरान में हिजाब प्रथा के खिलाफ महिलाओं का सड़कों पर प्रदर्शन लगातार जारी है। कई प्रदर्शनकारी महिलाओं ने अपने सिर को ढकना छोड़ दिया। कई महिलाओं ने इस कानून के विरोध में अपने बाल तक काट डाले, जबकि कुछ ने हिजाब जला डाले। अमरीका समेत कई देशों की महिलाओं ने इन प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है।

सैकड़ों लोगों की मौत के बाद झुकी ईरान सरकार, 40 साल पुराना हिजाब कानून बदलने को तैयार ईरान में दो महीने से चल रहे प्रदर्शन में अब तक 4 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अब ईरान सरकार चार दशक पुराने हिजाब कानून में बदलाव करने को तैयार है। हालांकि स्प्ष्ट नहीं है कि क्या बदलाव होंगे।

ईरान में महिलाओं की क्रांति रंग लेकर आई है। हिजाब के खिलाफ वे सड़कों पर उतरीं तो उन्हें जनसमर्थन मिलता गया। आखिरकार ईरान सरकार को उनकी बात सुननी पड़ी। सरकार ने हिजाब कानून के खिलाफ (Hijab row in Iran) उनके आंदोलन के आगे घुटने टेक दिए। हिजाब की अनिवार्यता को लेकर चालीस साल पहले बनाए गए कानून की समीक्षा की जा रही है। वर्ष 1983 से ईरान में हिजाब पहनना अनिवार्य है। ईरान में कट्टर इस्लामिक क्रांति के बाद ये कदम उठाया गया था।

ईरान में पिछले दो महीने से धरना-प्रदर्शन और आंदोलन चल रहा है। इसमें 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। लोग सड़कों पर हैं। सुरक्षा बल आंदोलन को शांत करने के लिए हर तरीके अपना रहे हैं। महसा अमीनी की हत्या के बाद ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन काफी तेज हो गया था। चारों तरफ लड़कियां इसका विरोध कर रही थीं। मौलानाओं की पगड़ी भी उछाली जा रही थी। हिजाब कानून को जबरन लागू कराने में ईरानी हुकूमत ने कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी है। मगर अब वह झुकती नजर आ रही है। सरकार अब हिजाब कानून पर विचार करने को तैयार हो गई है।

सरकार ने ऐलान किया है कि हिजाब पहनना अब मर्जी पर निर्भर करेगा। मतलब मर्जी है तो पहनिए, नहीं मर्जी है तो मत पहनिए। पुलिस अब कार्रवाई नहीं करेगी। ईरान में महिआएं इसी को लेकर पिछले तीन महीने से प्रदर्शन कर रही थीं।

सरकार ने महसा अमीनी की कातिल पुलिस की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है. मुल्क में शरिया कानूनों का सही से पालन कराने के लिए अभी तक मोरैलिटी पुलिस नियुक्त थी. मोरैलिटी पुलिस ने ही सही से हिजाब ना पहनने पर 22 वर्षीय महसा अमीनी को गिरफ्तार किया गया था.

ईरान की संसद और न्यायपालिका हिजाब को जरूरी बनाने वाले कानून की समीक्षा कर रही है। इस कानून में महिलाओं को सिर ढकने की अनिवार्यता है। माना जा रहा है कि ईरानी महिलाओ के व्यापक आन्दोलन और विश्वव्यापी आलोचना से घबराई हुकूमत आंदोलन की लपटों को शांत करने के लिए इस कानून में बदलाव कर सकती है।

तेहरान ईरान में हिजाब के खिलाफ दो महीने से जारी आंदोलन में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। अब ईरान की इस्लामिक सरकार लोगों की मांग के आगे घुटने टेकने को तैयार हो रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने झुकने का मन बना लिया है। ईरान की सरकार ने दशकों पुराने इस कानून में बदलाव का विचार बना लिया है। बता दें कि अभी ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना जरूरी है। अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होती है। 16 सितंबर को कुर्दिश ओरिजिन की 22 साल की महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। हिजाब खिसकने की वजह से पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया था। हालांकि ईरान प्रशासन लगातार सफाई दे रहा है और कह रहा है कि महसा की मौत एक हादसा था। ईरान में शरिया पर आधारित हिजाब का कानून लगाया गया है। …

Hijab Controversy: ईरान में बदलेगा दशकों पुराना हिजाब कानून, प्रदर्शनकारियों के आगे झुकी सरकार

 

 

 

 

 

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