July 25, 2024

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मण्ड्रेला के आरोग्य अस्पताल में ऑपरेशन शुरू,जटिल ऑपरेशन कर महिला की बच्चेदानी से निकली साढे 3 किलो की गांठ

मण्ड्रेला के आरोग्य अस्पताल में ऑपरेशन शुरू,जटिल ऑपरेशन कर महिला की बच्चेदानी से निकली साढे 3 किलो की गांठ

मण्ड्रेला के आरोग्य अस्पताल में ऑपरेशन शुरू,जटिल ऑपरेशन कर महिला की बच्चेदानी से निकली साढे 3 किलो की गांठ

मण्ड्रेला के आरोग्य अस्पताल में ऑपरेशन शुरू,जटिल ऑपरेशन कर महिला की बच्चेदानी से निकली साढे 3 किलो की गांठ

Operation started in Arogya Hospital, Mandrela, 3.5 kg lump removed from woman's uterus after complicated operation
मण्ड्रेला के आरोग्य अस्पताल में ऑपरेशन शुरू,जटिल ऑपरेशन कर महिला की बच्चेदानी से निकली साढे 3 किलो की गांठ
मण्ड्रेला के आरोग्य अस्पताल में ऑपरेशन शुरू,जटिल ऑपरेशन कर महिला की बच्चेदानी से निकली साढे 3 किलो की गांठ

होली चौक स्थित आरोग्य अस्पताल (टीपूजी का अस्पताल)

मण्ड्रेला के आरोग्य अस्पताल में ऑपरेशन शुरू,जटिल ऑपरेशन कर महिला की बच्चेदानी से निकली साढे 3 किलो की गांठ

मण्ड्रेला कस्बे के आरोग्य अस्पताल (टीपूजी का अस्पताल) में ऑपेरशन थ्रियेटर की शुरुआत हाेने के बाद ग्रामीण अंचल के मरीजों को शहरों की ओर नही जाना पड़ता।अस्पताल में विशेषज्ञों चिकित्सकों की अगुवाई में कई छोटे बड़े ऑपरेशन होने लगे है।सोमवार की देर शाम को भी अस्पताल में एक बड़ा ऑपरेशन कर मरीज को राहत प्रदान की।

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गांव डाबड़ी धीरसिंह की महिला सुमन कंवर (39) पत्नी वीरेंद्र सिंह शेखावत करीब तीन साल से बच्चेदानी में गांठ से परेशान थी।

गांठ के बढ़ने से उसको सांस लेने,उठने बैठने में कठिनाई होने लगी।पेट गर्भवती महिला जैसे दिखने लग गया। कुछ दिन पहले परिजन महिला काे मण्ड्रेला के होली चौक स्थित आरोग्य अस्पताल लेकर आए,वहां जांच में पता चला की महिला की बच्चेदानी में बड़ी गांठ है। इस पर स्त्री राेग विशेषज्ञ व अस्पताल निदेशक डॉ.विधान रावल तथा डॉ.हिनल रावल,डॉ.रमेश व उनकी टीम ने ऑपरेशन कर गांठ निकाली।स्टाफ नर्स सुभाष सैनी,रामस्वरूप कुमावत,महिपाल शर्मा,सविता आदि का भी सहयोग रहा।

डॉ.विधान रावल ने बताया कि मेडिकल भाषा में इसे यूटरल फाइब्रॉयड कहते हैं। गांठ का वजन करीब 3 किलो है।

उल्लेखनीय है कि मण्ड्रेला में पहली बार किसी अस्पताल में इतने बड़े पैमाने पर ऑपेरशन हो रहे है इससे पहले कस्बे में ऐसे ऑपेरशन किसी भी अस्पताल में नही हुए है।इससे पहले भी आरोग्य अस्पताल की ओर से ही सिजेरियन डिलीवरी के ऑपेरशन शुरू किए गये थे।अस्पताल में आए मरीजों का कहना है कि मण्ड्रेला कस्बे में शुरू हुई ऐसी मेडिकल सुविधा से कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण अंचल के मरीजों को अब शहरों की ओर नही जाना पड़ेगा।
डॉ. विधान ने बताया कि अस्पताल में अनुभवी डॉक्टरों की ओर से सिजेरियन डिलीवरी,बच्चा दानी,बच्चा दानी में गांठ,अपेंडिक्स, पथरी,हर्निया जैसे ऑपेरशन हर समय संतोषजनक किये जाते है।

डेढ़ घंटे तक चला ऑपरेशन
आरोग्य अस्पताल के महिला एवं बाल चिकित्सा इकाई के ऑपरेशन थ्रियेटर में महिला का डेढ़ घंटे तक तीन स्त्री राेग विशेषज्ञाें ने ऑपरेशन कर गांठ काे निकाल दिया।डॉ. विधान ने
बताया कि ऑपेरशन से पहले जांच पेशेंट में खून की कमी पाई गई जिसके बाद ऑपेरशन पेशेंट को 2 यूनिट खून चढ़ाई गई।
आरोग्य अस्पताल में यह ऑपरेशन बहुत ही किफायत में हुआ है।अगर बाहर निजी अस्पताल में करवाते ताे हजाराें रुपए का खर्च आता है।महिला ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से स्वस्थ है।

Operation started in Arogya Hospital, Mandrela, 3.5 kg lump removed from woman's uterus after complicated operation
Operation started in Arogya Hospital, Mandrela, 3.5 kg lump removed from woman’s uterus after complicated operation
Operation started in Arogya Hospital, Mandrela, 3.5 kg lump removed from woman's uterus after complicated operation
Operation started in Arogya Hospital, Mandrela, 3.5 kg lump removed from woman’s uterus after complicated operation
dr. vidhan t rawal
dr. vidhan t rawal
dr.hinal v. rawal
dr.hinal v. rawal

मण्ड्रेला के आरोग्य अस्पताल में ऑपरेशन शुरू,जटिल ऑपरेशन कर महिला की बच्चेदानी से निकली साढे 3 किलो की गांठ

मण्ड्रेला कस्बे के आरोग्य अस्पताल (टीपूजी का अस्पताल) में ऑपेरशन थ्रियेटर की शुरुआत हाेने के बाद ग्रामीण अंचल के मरीजों को शहरों की ओर नही जाना पड़ता।अस्पताल में विशेषज्ञों चिकित्सकों की अगुवाई में कई छोटे बड़े ऑपरेशन होने लगे है।सोमवार की देर शाम को भी अस्पताल में एक बड़ा ऑपरेशन कर मरीज को राहत प्रदान की।गांव डाबड़ी धीरसिंह की एक महिला होली चौक स्थित आरोग्य अस्पताल लेकर आए,वहां जांच में पता चला की महिला की बच्चेदानी में बड़ी गांठ है। इस पर स्त्री राेग विशेषज्ञ व अस्पताल निदेशक डॉ.विधान टी रावल तथा डॉ.हिनल रावल,डॉ.रमेश व उनकी टीम ने ऑपरेशन कर गांठ निकाली।स्टाफ नर्स सुभाष सैनी,रामस्वरूप कुमावत,महिपाल शर्मा,सविता आदि का भी सहयोग रहा।डॉ.विधान टी रावल ने बताया कि मेडिकल भाषा में इसे यूटरल फाइब्रॉयड कहते हैं। गांठ का वजन करीब 3 किलो है।

 

 

 

 

 

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